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Pradosh vrat पारंपरिक रूप से शुक्ला और कृष्णा पक्ष दोनों के त्रयोदशी तिथि (13 वें चंद्र दिवस) पर मनाया जाता है। व्रत गोधूलि अवधि (प्रदोश काल) के दौरान भगवान शिव की पूजा करने के लिए समर्पित है।
भद्रपद प्रदोश व्रत 2025: सनातन धर्म मेंका दिन प्रडोश व्रत भगवान शिव और देवी पार्वती का आशीर्वाद मांगने के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, भद्रापदा मंथ का पहला प्रदोश व्रत पर देखा जाएगा 20 अगस्त, 2025। भक्तों का मानना है कि इस वीआरएटी का अवलोकन समृद्धि लाता है, बाधाओं को दूर करता है, और जीवन में शांति और खुशी सुनिश्चित करता है।
प्रदाश व्रत का आध्यात्मिक महत्व
Pradosh vrat पारंपरिक रूप से शुक्ला और कृष्णा पक्ष दोनों के त्रयोदशी तिथि (13 वें चंद्र दिवस) पर मनाया जाता है। VRAT गोधूलि अवधि के दौरान भगवान शिव की पूजा करने के लिए समर्पित है (प्रडोश काल)। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, इस दिन अनुष्ठान करना पिछले पापों को समाप्त कर सकता है, दीर्घायु सुनिश्चित कर सकता है, और दिव्य अनुग्रह को आमंत्रित कर सकता है।
शिवलिंग पर क्या पेशकश करें
यदि आप प्रभु शिव को प्रदश व्रत पर खुश करना चाहते हैं, तो एक विशेष प्रदर्शन करने की सिफारिश की जाती है अभिषेक (अनुष्ठान स्नान) सुबह के स्नान के बाद शिवलिंग का।
- पानी और घी: शिवलिंग पर पानी और घी डालना माना जाता है कि भगवान शिव को खुश करें और लंबित कार्यों को पूरा करने में मदद करें।
- दूध, दही, और शहद: इन अवयवों के साथ अभिषेक करना सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और सद्भाव को आकर्षित करता है।
- देसी घी लैंप: अभिषेक के बाद, एक देसी घी दीपक को प्रकाश में लाना, अधिकतम लाभों के लिए आरती, और शिव मंत्रों का जप करें।
पारंपरिक विश्वास के अनुसार, प्रदोस व्रत के दौरान इन अनुष्ठानों का पालन करना इच्छाओं की पूर्ति और खुशी की बहुतायत हो सकता है।
प्रडोश व्रत 2025 – दिनांक और शुब मुहुरत
पंचांग पर आधारित, त्रयोडाशी तीथी पर शुरू होगा 1:58 PM 20 अगस्त, 2025 कोऔर पर समाप्त 21 अगस्त, 2025 को 12:44 बजे। इसलिए, भद्रापदा मंथ के पहले प्रदाश व्रत को देखा जाएगा 20 अगस्त, 2025।
पूजा के लिए शुभ समय (प्रदश काल पूजा मुहुरत):
- शाम पूजा समय: 6:56 PM – 9:07 PM
- सूर्योदय: 5:53 बजे
- सूर्यास्त: 6:56 बजे
- ब्रह्म मुहुरत: 4:25 बजे – 5:09 बजे
- विजय मुहुरत: 2:35 बजे – 3:27 बजे
- गोधुली मुहुरत: 6:56 PM – 7:17 PM
- निशिता मुहूरत: 12:03 AM – 12:46 AM
निष्कर्ष
भद्रापदा मंथ के पहले प्रदाश व्रत का अवलोकन करना 20 अगस्त, 2025भक्ति और उचित अनुष्ठानों के साथ दिव्य आशीर्वाद, समृद्धि और शांति ला सकते हैं। चाहे आप पानी, दूध, शहद, या घी की पेशकश करें, कुंजी विश्वास और ईमानदारी के साथ पूजा का प्रदर्शन करना है।
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